
सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने एक स्टेटमेंट जारी करके कहा कि जिनके KYC डॉक्युमेंटस अधूरे हैं, उन्हें सूचित किया जाएगा कि वो 30 अप्रैल 2017 से पहले उनकी सेल्फ-सर्टिफाइड प्रतियां बैंक में जमा कर दे. ऐसा करने में नाकाम रहने पर उनका बैंक अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाएगा. जिसका मतलब है वो अपने अकाउंट से किसी भी तरह का लेन-देन नहीं कर पाएंगे. ये कदम FATCA (Foreign Account Tax Compliance Act) के तहत उठाया जाएगा.
ये सिर्फ बैंक अकाउंट के साथ ही नहीं होगा. म्यूच्यूअल फंड्स, इंश्योरेंस जैसी सेवाओं पर भी इसका असर पड़ेगा. एक बार डिटेल्स अपडेट करने के बाद अकाउंट होल्डर फिर से अपना खाता ऑपरेट कर सकेंगे. जुलाई 2015 में भारत और अमेरिका ने यूएस के कानून FATCA के तहत टैक्स इनफॉर्मेशन शेयरिंग एग्रीमेंट साइन किया था. ये समझौता कालेधन पर लगाम लगाने के मकसद से किया गया था. इसके अंतर्गत भारत और अमेरिका वित्तीय संस्थानों से जुड़ी जानकारी साझा कर सकते हैं और टैक्स चोरों पर निगाह रख सकते हैं.
हालांकि ये सिर्फ उन अकाउंट होल्डर्स के लिए है जो जुलाई 2014 से अगस्त 2015 के बीच खुले हैं. इनको अपना आधार कार्ड भी बैंक अकाउंट और अन्य वित्तीय सेवाओं से लिंक करना होगा. इसके लिए पहले भी समय-समय पर बैंक KYC अभियान चलाते रहे हैं. KYC डॉक्यूमेंटस यानी वो कागज़ात जिनमें अकाउंट होल्डर के बारे में तमाम ज़रूरी जानकारी होती है. एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ, पैन नंबर वगैरह. इन्हीं के साथ अब आधार नंबर भी देना होगा. हर एक की सेल्फ-सर्टिफाइड कॉपी बैंक में जमा करानी होगी.
अगर किसी वजह से तयशुदा समयसीमा में कागज़ात जमा न हो पाए और आपका अकाउंट ब्लॉक हो जाए तो डरने की ज़रूरत नहीं है. आप बाद में कभी भी जमा कर के अपना अकाउंट अनब्लॉक करवा सकते हैं. हालांकि बेहतर यही रहेगा की किसी भी असुविधा से बचने के लिए वक़्त रहते ये काम कर लिया जाए.
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