Skip to main content

क्या है हैकिंग और कैसे सुरक्षित रखें अपना फ़ोन और निजी डाटा?

Image result for mobile hacking
जैस-जैसे मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई है, वैसे-वैसे हैकर्स की दिलचस्पी भी मोबाइल फ़ोन की तरफ़ बढ़ी है.

आईडीसी के मुताबिक़ 2014 की तीसरी तिमाही में विश्व में बिकने वाले 80 प्रतिशत से अधिक फ़ोन एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) पर आधारित हैं.
विश्व का सबसे लोकप्रिय ओएस होने के कारण, हाल के वर्षों में यह हैकर्स की दिलचस्पी की वजह बना.
यदि आप लाखों भारतीयों की तरह एंड्राइड फ़ोन रख़ते हैं, तो बीबीसी आपके लिए लेकर आ रहा है एंड्राइड फ़ोन पर ख़ास जानकारी– क्या है हैकिंग और कैसे सुरक्षित रखें अपना फ़ोन और निजी डाटा?

हैकर्स की पसंद क्यों?

रूस की साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्की की मानें तो हैकिंग के बारे में सोचने से पहले हैकर्स तीन बातों पर ध्यान देते हैं– (1) ज़्यादातर लोग कौन-सा ओएस इस्तेमाल करते हैं (2) ओएस के प्रोग्राम संबंधित दस्तावेज़ उपलब्ध हैं या नहीं (3) इसमें कुछ कमियां हैं या नहीं.

सिमेंटिक सिक्युरिटी थ्रेट रिपोर्ट 2014 के अनुसार एंड्राइड मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल करने वालों को ऐप डाउनलोड करने और इंस्टॉल करने की अधिक आज़ादी देता है. इस वजह से भी हैकर्स की इस फ्री ओएस में दिलचस्पी बढ़ी है.

चिंता का विषय क्यों?


हैकिंग का इस्तेमाल कई बार बैंक अकाउंट से पैसे चुराने, किसी व्यक्ति या सरकार-संबंधी डाटा, या निजी डाटा चुराकर बेचने में होता है. इस कारण यह साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंता का विषय बना हुआ है.
मोबाइल सुरक्षा कंपनी कूलस्पैन के सीईओ ग्रेग स्मिथ ने 2013 में फोर्ब्स को बताया कि एंड्राइड के कुछ विशेषताओं को हैक करना आसान है- जैसे कैमरा और माइक. चिंता की बात यह है कि ऐसे हैकिंग टूल आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हैं.
2013 की सिमेंटेक की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसे सॉफ्टवेयर मुफ़्त मिलते हैं. इसके ज़रिए दूसरे टूल का इस्तेमाल कर उपभोक्ता को ठगने के लिए, नया मैलवेयर तैयार करना आसान होता है जो असली ऐप की तरह दिखता हो.

कैसे ऐप से है ख़तरा?

Image result for mobile hacking
भारतीय कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) के महानिदेशक डॉ गुलशन रॉय के मुताबिक़ एंड्राइड ऐप्स जो आपके एसएमएस पढ़ सकें, आपके ख़र्चे पर दूसरों को प्रीमियम एसएमएस भेज सकें और आपका डाटा चुरा सकें, खतरनाक हैं.

इनकी संख्या बढ़ रही है. अपराधी ऐसे बैंकिंग ट्रॉज़न ऐप भी बना रहे हैं जो आपके फ़ोन से बैंक पासवर्ड जैसी जानकारी चुरा सकते हैं.
डॉ रॉय का कहना है कि हाल के दौर में ऑनलाइन स्टोर, वेबसाइटों, ऑनलाइन फोरम और सोशल मीडिया में आए उछाल से ग़लत मोबाइल ऐप्स को बढ़ावा मिला है.
साइबर अपराधियों ने ऐसे तरीके ख़ोज निकाले हैं, जिससे वे उपभोक्ताओं को प्रेरित करते हैं कि वे मैलवेयर वाला ऐप डाउनलोड करें.
सुरक्षा विशेषज्ञ अजिन अब्राहम का कहना है कि फ्री और अश्लील वीडियो वाले ऐप फ़ोन उपभोक्ताओं को बड़ी आसानी से लुभा लेते हैं.
अब्राहम कहते हैं, ऐसे भी मैलवेयर हैं जो कंपनियों पर ख़ास हमला करने के लिए बनाए जाते हैं. कई ऐप सरकार-समर्थित हमले का हिस्सा हो सकती हैं.

8 सावधानियां

1. ‘कुछ भी’ न कर लें डाउनलोड
कोई भी ऐप डाउनलोड करते वक़्त ध्यान रखें कि आप सही वेबसाइट और कंपनी का ऐप ही डाउनलोड करें.
जब कोई ख़ास ऐप लांच होता है, हममें से कई उसे तुरंत डाउनलोड कर लेते हैं. इसका फ़ायदा उठाते हुए हैकर्स मिलते-जुलते नाम वाले मैलवेयर मुहैया कराते हैं, जिसे कई लोग ग़लती से डाउनलोड भी कर लेते हैं. आपको पता भी नहीं चलता कि कोई तीसरा फ़ोन के ज़रिए उसकी गतिविधियों की जानकारी पा रहा है.
2. ग़ौर से पढ़ें परमिशन पेज
सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी के पॉलिसी डाइरेक्टर प्राणेश प्रकाश के अनुसार ज़रूरी है कि आप ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसका परमिशन पेज पढ़ें.
यदि कोई ऐप आपकी फ़ोनबुक पढ़ने की इजाज़त जैसी ज़रूरत से ज़्यादा परमिशन मांगता है, तो इसे इंस्टॉल न करें.
प्रकाश की राय है कि फ्री और ओपन सोर्स ओएस का इस्तेमाल करना सही होता है. अन्य प्रकार के ओएस में सुरक्षा दावों की पुष्टि कर पाना आसान नहीं होता.
3. ज़रूर लें बैकअप
डॉ रॉय का कहना है कि फ़ोन डाटा का बैकअप लेना बेहद ज़रूरी है. आखिर अपने डाटा की सुरक्षा आपकी भी ज़िम्मेदारी है.
4. गूगल-फ्री एंड्राइड के बारे में सोचें
स्वतंत्र रिसर्चर और तकनीकी सलाहकार विक्रम कृष्णा के अनुसार उपभोक्ता वाकिफ़ नहीं होते कि एंड्राइड फ़ोन खरीदने पर वे गूगल के साथ क़रार में बंध जाते हैं.
किसी भी प्रकार के थर्ड पार्टी ऐप्स इंस्टॉल नहीं कर पाना उपभोक्ता की प्राइवेसी रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम होता है. मगर थर्ड पार्टी ऐप्स इंस्टॉल करना एंड्राइड में आसान होता है.
ऐसे में गूगल के साथ बिना बंधे सुरक्षित रूप से एंड्राइड फ़ोन के इस्तेमाल के तरीकों को देखा जा सकता है, जैसे- साइनोजेन मॉड, एफ़-ड्राइड, रेप्लिकैन्ट और दूसरे फॉस ओएस.
5. अपडेट ज़रूर इस्तेमाल करें
कृष्णा कहते हैं कि कोई भी सॉफ़्टवेयर एक दिन में नहीं बनता, उसे बार-बार टेस्ट करने की दरकार होती है. इसके बावजूद इसमें कमज़ोरियों की संभावनाएं बनी रहती हैं.
जैसे-जैसे कंपनी को इनकी जानकारी मिलती रहती है, कंपनी अपडेट जारी करती है. इन्हें ज़रूर डाउनलोड कर इंस्टॉल करें. अपडेट हमेशा मुफ़्त होते हैं.
अब्राहम कहते हैं कि एंड्राइड के विभिन्न वर्ज़न को देखें तो पुराने ओएस की तुलना में गूगल का ताज़ा 5.0 लॉलीपॉप काफ़ी सुरक्षित है. कई एंड्राइड फ़ोन कंपनियां अपडेट जारी नहीं करती, जिससे सीधे उपभोक्ता की सुरक्षा ख़तरे में आ जाती है.
6. एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करें
अपने फ़ोन पर फुल डिवाइस एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करें. हाल ही में लांच सैमसंग, एलजी, एचटीसी, एपल और ब्लैकबैरी स्मार्टफ़ोन (एपल और ब्लैकबैरी एंड्राइड का इस्तेमाल नहीं करते) में इस तरह की सुविधा है.
इंक्रिप्शन स्क्रीनशॉटइमेज कॉपीरइटOTHER
यदि आपके एंड्राइड फ़ोन पर ऐसी सुविधा नहीं है तो एन्क्रिप्शन ऐप का इस्तेमाल करें.
7. असुरक्षित वाई-फ़ाई से बचें
आजकल आपको कई जगह वाई-फ़ाई नेटवर्क की सुविधा मिलती है पर ऐसे वाई-फ़ाई नेटवर्क से बचें जिनके सुरक्षित होने के बारे में आपको सही जानकारी न हो.
संवेदनशील डाटा जैसे बैंक अकाउंट नंबर, क्रेडिट कार्ड पासवर्ड पब्लिक वाई-फ़ाई पर कभी शेयर न करें.
8. एंटी-वायरस ज़रूर रखें
कहने की ज़रूरत नहीं कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने पर फ़ोन सुरक्षित रहे इसके लिए एंटी-वायरस ज़रूर रखें. समय-समय पर इसे अपडेट करते रहें ताकि आपका एंटी-वायरस नए ख़तरों से लड़ने को तैयार रहे.

Comments

Popular posts from this blog

The top 10 events of world history april flower!

 In this article we are going to talk about april flower events! By the way, there is no need to work very hard to find this topic because on this day everyone tries to make each other an april flower. The first date of April is celebrated as Fool's Day. That too worldwide! Although there is a delay in the month of April, but today we are going to talk about the April flower events before that, with the help of which you can come up with ideas and you can make others April flowers Well, this is just a matter of fun but today we will talk about some of the fun events of history that took place on the day of April Fool! So let's know! 01 When the tradition of april flower started! Symbolic photo There is a lot of belief about how the tradition of celebrating April Fool's Day on the first day of April began, but the popular belief is that this practice originated in medieval France. The reason for this was the Gregorian calendar, prepared by Christianity's Pop Gregory 13, ...

स्मार्टफोन का पासवर्ड भूल गए हैं तो डरें नहीं, ऐसे करें अनलॉक

स्मार्टफोन का पासवर्ड भूल गए हैं तो डरें नहीं, ऐसे करें अनलॉक

जायफल: स्वादिष्ट मसाले का खून भरा इतिहास

जायफल: स्वादिष्ट मसाले का खून भरा इतिहास आज हम ऐसे मसाले की बात करने वाले हैओ जिसे आम तौर ख़िर में छिड़का जाता है । जी हाँ , जायफल की ! आपको शायद ताजुब्ब होगा कि ज्यादातर लोग शायद इसकी उत्पत्ति के बारे में विशेष रूप से कुछ नही जाने हैं ।समें कोई संदेह नहीं है – यह सुपरमार्केट में मसाला गलियारे से आता है, है ना? लेकिन इस मसाले के पीछे दुखद और खूनी इतिहास छुपा छह है । लेकिन सदियों से जायफल की खोज में हजारों लोगों की मौत हो गई है। जायफल क्या है? सबसे पहले हम जानते है कि आखिर ये जायफ़ल है क्या ? तो ये नटमेग मिरिस्टिका फ्रेंगनस पेड़ के बीज से आता है । जो बांदा द्वीपों की लंबीसदाबहार प्रजाति है जो इंडोनेशिया के मोलुकस या स्पाइस द्वीप समूह का हिस्सा हैं। जायफल के बीज की आंतरिक गिरी को जायफल में जमीन पर रखा जाता है ।जबकि अरिल (बाहरी लेसी कवर) से गुदा निकलता है। जायफल को लंबे समय से न केवल भोजन के स्वाद के रूप में बल्कि इसके औषधीय गुणों के लिए भी महत्व दिया गया है। वास्तव में जब बड़ी मात्रा में जायफल लिया जाता है तो जायफल एक ल्यूकोसिनोजेन है जो मिरिस्टिसिन नामक एक साइकोएक्टिव केम...