बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि भूत और आत्मा का कोई अस्तित्व नहीं होता. लेकिन आत्मा को गीता में नित्य और शाश्वत बताया गया है. अर्थात आत्मा कभी नहीं मरती है और वो एक शरीर को छोड़ कर नए शरीर में प्रवेश करती रहती है. सदियों से लोग आत्माओं से संपर्क करने की कोशिश करते आए हैं. तो आइये आत्माओं से संपर्क करने की पाश्चात्य विधियों के बारे में जानें.
1. टेबल से मिलता है आत्माओं के आने का संकेत

भूत को बुलाने के लिए टेबल टर्निंग का तरीका पुराने तरीकों में से एक है. आपके पास दोस्तों की एक टीम होनी चाहिए. टेबल के चारों ओर बैठें. अपनी हथेलियों को टेबल पर रखें और उस व्यक्ति के बारे में सोचें जिसे आप देखना चाहते हैं. इसके थोड़े समय ही बाद टेबल पर कंपन होने लगेगा. इस तरीके में ऐसा स्थान चुनिए जो शांत हो.
2. भूतिया जगहें भी हैं आत्माओं से मिलने का एक ज़रिया

भूत को बुलाने का दूसरा तरीका है कि भुतहा घर में जाएं. भुतहा घर के अंदर जाने के लिए आप में हिम्मत होनी बहुत आवश्यक है. आत्मा से मिलने के लिए पहले उन्हें आप तक पहुंचने दें. यदि आपको ऐसा महसूस होता है कि आपके शरीर को कुछ स्पर्श कर रहा है, आपको कोई प्रकाश दिखता है या फ़िर कोई आवाज़ सुनाई देती है तो उस पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें. हो सकता है कि आप आत्माओं के संपर्क में आ जाएं.
3. भूतों को बुलाने का तीसरा तरीका है कि शीशे को घूरना

सुबह 3 बजे उठें, हाथ में एक मोमबत्ती पकड़ें तथा दर्पण में घूरें. ऐसा करते समय आपको तीन बार बोलना है, ब्लड मैरी, ब्लड मैरी और ब्लड मैरी. कुछ ही समय में आप 'मैरी' का भूत देख पाएंगे. भूत बुलाने के इस तरीके में कुछ संकेत आते हैं जैसे लाइट का बंद होना या मोमबत्ती का बुझ जाना.
4. आत्मा के आते ही होने लगती है हलचल

भूतों से बात करने का एक ज़रिया है प्लेनचिट और ओइजा बोर्ड. आत्मा से संपर्क करने से पहले मेज़ पर एक सादा कागज़ रख कर उसके ऊपर ओइजा बोर्ड को रखा जाता है. इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना हो, उसका एकाग्रता से ध्यान किया जाता है. आत्मा जब आ जाती है तो ओइजा बोर्ड में हरकत होने लगती है. और उसमें लगी पेंसिल आत्मा से पूछे गए सवालों के जवाब कागज पर लिखने लगती है. इस तरह से ओइजा बोर्ड की मदद से प्रश्नकर्ता आत्माओं से अपने सवालों के जवाब जान लेता है.
5. गुड़िया बन जाती है आत्मा का शरीर

'जेलंगकुंग' एक ऐसा तरीका है जिसका प्रयोग प्राचीन इंडोनेशिया के लोग आत्माओं से संपर्क करने के लिए करते थे. इस विधि के तहत आत्माओं से संपर्क करने के लिए तीन से पांच लोग एक कमरे में होते हैं. इनमें दो लोग बांस से बने एक पुतले को पकड़ कर बैठते हैं.
आत्माओं को बुलाने से पहले धूप अगरबत्ती जलाई जाती है और कुछ मंत्र पढ़े जाते हैं. कहते हैं मंत्रों के प्रभाव से आस-पास से गुज़र रही आत्मा पुतले में चली आती है और पुतले का वज़न बढ़ जाता है. इंडोनेशिया के लोगों का मानना है कि ये तरीका आत्माओं से संपर्क करने के लिए खतरनाक भी हो सकता है क्योंकि अगर आप पुतले से आत्मा निकालने में कामयाब नहीं हुए तो नुकसान भी हो सकता है. इसलिए इस क्रिया में व्यक्ति का दक्ष होना ज़रूरी है.
आत्माओं को बुलाने से पहले धूप अगरबत्ती जलाई जाती है और कुछ मंत्र पढ़े जाते हैं. कहते हैं मंत्रों के प्रभाव से आस-पास से गुज़र रही आत्मा पुतले में चली आती है और पुतले का वज़न बढ़ जाता है. इंडोनेशिया के लोगों का मानना है कि ये तरीका आत्माओं से संपर्क करने के लिए खतरनाक भी हो सकता है क्योंकि अगर आप पुतले से आत्मा निकालने में कामयाब नहीं हुए तो नुकसान भी हो सकता है. इसलिए इस क्रिया में व्यक्ति का दक्ष होना ज़रूरी है.
6. जब जीवित इंसान में आ जाती है आत्मा

आत्माओं से संपर्क करने के लिए किसी व्यक्ति को माध्यम बना कर उसमें आत्मा को बुलाया जाता है. कई हॉरर फिल्मों में आपने देखा भी होगा कि तांत्रिक आत्मा को बुलाता है और आत्मा किसी व्यक्ति के शरीर में आकर प्रश्नकर्ता के सवालों के जवाब देती है. इस विधि में आत्मा बोल कर या पेंसिल से लिख कर अपने जवाब देती है. लेकिन कई बार आत्मा शरीर से निकलना नहीं चाहती है. ऐसे में उस व्यक्ति को बेहद तकलीफ़ होती है जिसके शरीर में आत्मा प्रवेश कर चुकी होती है. इसलिए इस विधि द्वारा आत्मा से संपर्क करते समय किसी पैरानार्मल एक्सपर्ट का साथ होना ज़रूरी होता है.
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