Patrika 3 May 2017 22:03

रायपुर. यदि आप पेट्रोल पंंप पर पेट्रोल भरवाने जाते हैं तो रहिए ना बेखबर, हो जाइए सावधान। पेट्रोल भरवाइए, जरा संभलकर। क्योंकि आपके पेट्रोल को आपके सामने ही आसानी से चोरी कर लिया जाता है और आपको इसकी भनक भी नहीं लग पाती। आइए हम बताते हैं किस तरह से की जाती है आपके कीमती पेट्रोल की चोरी।
चीप से दो तरह से चोरी
पेट्रोल पंप पर इलेक्ट्रॉनिक चिप दो तरह की हो सकती है। पहला रिमोट के जरिए, जो कि पैसा लेने वाले कर्मचारी के थैले के भीतर हो सकता है। दूसरा जरिए बिना रिमोट यानी कोड नंबर के हिसाब से। चिप लगाकर पेट्रोल चोरी करने का मामला मदर बोर्ड यानी ग्रीन सर्किट में किया जाता है। कई स्थानों पर एमसीबी और पैनल में सर्किट लगाया जा सकता है। चिप लगाने के बाद जैसे ही नोजल से पेट्रोल की डिलिवरी शुरू होती है, वैसे ही पास खड़े व्यक्ति रिमोट से पूरा सिस्टम ऑपरेट करता है। चिप के कारण पेट्रोल का पल्स बढ़ जाता है। दूसरी तरफ मशीन और मीटर में रेट और क्वांटिटी तो सही बताता है, लेकिन उतना मिलता नहीं है।
ग्राहक एेसे बरते सावधानी
1. शिकायती रजिस्टर्ड में शिकायत करें
2. संबंधित कंपनी के सेल्स ऑफिसर का नंबर देखे
3. पेट्रोल-डीजल की शुद्घता जांचने फिल्टर और डेंसिटीमीटर का प्रयोग करें।
4. 5 लीटर और आधा लीटर के जार में पेट्रोल-पंप की जांच कराएं।
शुद्घता व घनत्व की एेसे करें जांच
. पेट्रोल की शुद्घता के अंर्तगत डेंसिटी का पैमाना 730 से 800 के बीच आने पर शुद्घ और सही तौल माना जा सकता है। ड़ेंसिटी की जांच-पड़ताल के लिए तापमान और हाइड्रोमीटर की रीडिंग की जाती है। डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच हो सकती है।
. नोजल से फिल्टर पेपर पर पेट्रोल की दो बूंद डालकर यह देखना होगा कि फिल्टर पेपर से पेट्रोल उड़ता है कि नहीं। फिल्टर पेपर पर धब्बा रह जाने या कोई भी दाग रह जाने से पेट्रोल में मिलावट हो सकती है।
. विशेषज्ञों के मुताबिक तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी में परिवर्तन आता है। उदाहरण के तौर पर 1 डिग्रीसेल्सियस तापमान बढऩे पर एक लीटर पेट्रोल के आयतन में 1.2 मिलीलीटर का अंतर आता है। डीजल में यही अंतर 0.8 मिलीलीटर प्रति लीटर है। 40 डिग्री तापमान पर पेट्रोल भरवाने पर 1 लीटर के हिसाब से ग्राहकों को 1000 मिली पेट्रोल मिलना चाहिए, लेकिन ग्राहकों को 998 मिली. पेट्रोल मिलेगा।
गड़बड़ी पर कहां करें शिकायत
1. जिला उपभोक्ता फोरम
2. नाप-तौल विभाग, सुंदर नगर
3. पेट्रोलियम कंपनी के सेल्स ऑफिस में
इस तरह पेट्रोल-पंपों में मिलावट
1. मीटर पर रीडिंग सेट करने के बाद भी डिस्पेंसर लॉक नहीं करने पर चोरी हो सकती है। बार-बार डिस्पेंसर को दबाने पेट्रोल-डीजल रुक-रुक कर आता है।
2. मीटर के बंद होने के बाद नोजल या डिस्पेंसर को तुरंत हटाने से मना करना चाहिए।
3. राउंड फिगर जैसे 100,200, 500 की राशि से पेट्रोल डलवाने से बचना चाहिए, क्योंकि आशंका जताई जा रही है कि चिप से चोरी करने वाले लोग ज्यादातर इसी अमाउंट में चिप को सेट करते हैं। यदि आप राउंड फिगर के स्थान पर 150, 140, 125 या 210 आदि राशि पर पेट्रोल भराएं तो चिप में फीड प्रोग्राम मैच नहीं करेगा।
चीप से दो तरह से चोरी
पेट्रोल पंप पर इलेक्ट्रॉनिक चिप दो तरह की हो सकती है। पहला रिमोट के जरिए, जो कि पैसा लेने वाले कर्मचारी के थैले के भीतर हो सकता है। दूसरा जरिए बिना रिमोट यानी कोड नंबर के हिसाब से। चिप लगाकर पेट्रोल चोरी करने का मामला मदर बोर्ड यानी ग्रीन सर्किट में किया जाता है। कई स्थानों पर एमसीबी और पैनल में सर्किट लगाया जा सकता है। चिप लगाने के बाद जैसे ही नोजल से पेट्रोल की डिलिवरी शुरू होती है, वैसे ही पास खड़े व्यक्ति रिमोट से पूरा सिस्टम ऑपरेट करता है। चिप के कारण पेट्रोल का पल्स बढ़ जाता है। दूसरी तरफ मशीन और मीटर में रेट और क्वांटिटी तो सही बताता है, लेकिन उतना मिलता नहीं है।
ग्राहक एेसे बरते सावधानी
1. शिकायती रजिस्टर्ड में शिकायत करें
2. संबंधित कंपनी के सेल्स ऑफिसर का नंबर देखे
3. पेट्रोल-डीजल की शुद्घता जांचने फिल्टर और डेंसिटीमीटर का प्रयोग करें।
4. 5 लीटर और आधा लीटर के जार में पेट्रोल-पंप की जांच कराएं।
शुद्घता व घनत्व की एेसे करें जांच
. पेट्रोल की शुद्घता के अंर्तगत डेंसिटी का पैमाना 730 से 800 के बीच आने पर शुद्घ और सही तौल माना जा सकता है। ड़ेंसिटी की जांच-पड़ताल के लिए तापमान और हाइड्रोमीटर की रीडिंग की जाती है। डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच हो सकती है।
. नोजल से फिल्टर पेपर पर पेट्रोल की दो बूंद डालकर यह देखना होगा कि फिल्टर पेपर से पेट्रोल उड़ता है कि नहीं। फिल्टर पेपर पर धब्बा रह जाने या कोई भी दाग रह जाने से पेट्रोल में मिलावट हो सकती है।
. विशेषज्ञों के मुताबिक तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी में परिवर्तन आता है। उदाहरण के तौर पर 1 डिग्रीसेल्सियस तापमान बढऩे पर एक लीटर पेट्रोल के आयतन में 1.2 मिलीलीटर का अंतर आता है। डीजल में यही अंतर 0.8 मिलीलीटर प्रति लीटर है। 40 डिग्री तापमान पर पेट्रोल भरवाने पर 1 लीटर के हिसाब से ग्राहकों को 1000 मिली पेट्रोल मिलना चाहिए, लेकिन ग्राहकों को 998 मिली. पेट्रोल मिलेगा।
गड़बड़ी पर कहां करें शिकायत
1. जिला उपभोक्ता फोरम
2. नाप-तौल विभाग, सुंदर नगर
3. पेट्रोलियम कंपनी के सेल्स ऑफिस में
इस तरह पेट्रोल-पंपों में मिलावट
1. मीटर पर रीडिंग सेट करने के बाद भी डिस्पेंसर लॉक नहीं करने पर चोरी हो सकती है। बार-बार डिस्पेंसर को दबाने पेट्रोल-डीजल रुक-रुक कर आता है।
2. मीटर के बंद होने के बाद नोजल या डिस्पेंसर को तुरंत हटाने से मना करना चाहिए।
3. राउंड फिगर जैसे 100,200, 500 की राशि से पेट्रोल डलवाने से बचना चाहिए, क्योंकि आशंका जताई जा रही है कि चिप से चोरी करने वाले लोग ज्यादातर इसी अमाउंट में चिप को सेट करते हैं। यदि आप राउंड फिगर के स्थान पर 150, 140, 125 या 210 आदि राशि पर पेट्रोल भराएं तो चिप में फीड प्रोग्राम मैच नहीं करेगा।
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