भारत में प्रतिदिन लाखों लोग रेलगाड़ी से सफर करते हैंl हम में से भी अधिकांश लोगों में कभी-ना-कभी रेल की पटरियों को अवश्य देखा होगाl जब हम कभी रेल की पटरियों को देखते हैं तो पाते हैं की रेल की पटरियों के बीच और दोनों तरफ छोटे-छोटे पत्थर बिछे रहते हैंl लेकिन कभी आपने सोचा है कि रेल की पटरियों के बीच और इसके दोनों किनारों पर पत्थर क्यों बिछाए जाते हैं? इस लेख को पढ़ने के बाद आपको इस प्रश्न का उत्तर आसानी से मिल जाएगाl
रेल की पटरियों के बीच छोटे-छोटे पत्थर बिछाए जाने का कारण
Image source: Science ABC
रेल की पटरियों के बीच छोटे-छोटे पत्थर बिछाए जाने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण हैl शुरूआती दौर में रेलवे ट्रैक का निर्माण इस्पात (steel) और लकड़ी के पटरों की मदद से किया जाता था, लेकिन आज के समय में लकड़ी के पटरों के बदले सीमेंट की आयताकार सिल्लियों का प्रयोग किया जाता है, जिसे “स्लीपर्स” कहा जाता हैl वास्तव में रेल की पटरियों के बीच छोटे-छोटे पत्थर बिछाने का उद्देश्य लकड़ी के पटरों या सीमेंट की सिल्लियों को अपने स्थान पर मजबूती के साथ स्थिर रखना है ताकि ये सिल्लियां रेलवे ट्रैक को मजबूती के साथ पकड़े रहेl
दरअसल जब ट्रेन चलती है तो उससे जमीन और पटरियों में कंपन पैदा होता है। इसके अलावा तेज धूप से पटरियां फैलती हैं और सर्दियों में सिकुड़ती हैं। इससे ट्रेन का पूरा भार लकड़ी या सीमेंट की सिल्लियों पर आ जाता है, लेकिन पटरियों के बीच पत्थर बिछे होने के कारण सारा भार इन पत्थरों पर चला जाता हैl जिसके कारण कंपन, पटरियों का सिकुड़ना, ट्रेन का भार सभी संतुलित हो जाते हैंl
इसके साथ ही रेल की पटरियों के बीच पत्थर बिछाने की एक वजह यह भी है कि जब रेलवे ट्रैक से होकर भारी-भरकम ट्रेन गुजरे तो उसके भार का संतुलन बना रहे और जमीन को कोई नुकसान ना पहुंचेl इसके अलावा रेल की पटरियों के बीच पत्थर बिछाने से बारिश का पानी आसानी से बहता है और रेल की पटरियों के बीच और उसके दोनों ओर कीचड़ नहीं होता हैl इसके अलावा रेल की पटरियों के बीच पत्थर बिछाने से ध्वनि प्रदुषण से भी बचाव होता हैl
रेल की पटरियों के बीच पत्थर बिछाने के पीछे एक कारण यह भी है कि यदि पत्थर नहीं बिछाई जाती है तो रेलवे पटरी के आस पास झाड़िया उग जाएंगी जिससे ट्रेन को गुजरने में कठिनाई उत्पन्न होगीl
आपकी जानकारी के लिए हम बताना चाहते हैं कि भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क हैl 2015-16 के अंत में जारी आकड़ों के अनुसार भारतीय रेलवे नेटवर्क 66,687 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और इसके अंतर्गत 7,216 स्टेशन तथा 1,19,630 किमी ट्रैक शामिल हैl
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