मानसून सत्र की शुरुआत अगले महीने से होने होने वाली है. कहा जा रहा है कि इस सत्र में केंद्रीय श्रम मंत्रालय मजदूरी संहिता विधेयक लाया जा सकता है. जानकारी के अनुसार यदि यह संहिता पारित हो जाती है तो उन सारे श्रमिकों, जो किसी उद्योग में काम करते हैं उनके लिए न्यूनतम मजदूरी तय हो सकती है. इस दायरे में वे श्रमिक भी शामिल हो सकते हैं जो मासिक वेतन के रूप में 18000 रुपये या उसके अधिक प्राप्त करते हैं.
मौजूदा समय के कानून के अनुसार जिन्हें 18,000 रुपये से अधिक मासिक वेतन दिया जाता है वो सभी श्रमिक की श्रेणी में नहीं आते हैं. मजदूरी संहिता विधेयक को लेकर श्रम सचिव एम. साथियावथी का यह कहना है, "हम इस लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं." उन्होंने यब भी कहा कि इस विधेयक को मानसून सत्र में पारित कराने की कोशिश की जाएगी.
हालांकि वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में बनायी गई मंत्रालयी समिति द्वारा इस संहिता को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. फिलहाल इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल से पास कराने की प्रक्रिया चल रही है. बताया जा रहा है कि अगर यह संहिता पारित हो जाती है कई क्षेत्रों के लिए न्यूनतम मजदूरी कम होगी. जिसे राज्यों की भी मानना होगा.
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