ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि केंद्र सरकार 150 साल पुरानी इस प्रथा को बदलने के लिए पूरी तरह तैयार जान पड़ रही है। एक उच्च स्तरीय सरकारी सूत्र की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक अगला बजट नवंबर महीने में पेश किया जा सकता है।
सूत्र ने जानकारी दी है कि सरकार वित्त वर्ष को कैलेंडर इयर की ही तर्ज पर रखने की दिशा में काम कर रही है। उसने बताया कि पीएम मोदी ने खुद इस तरह के बदलाव की वकालत की है।
अगर ऐसा होता है तो यह एक और ऐतिहासिक बदलाव होगा। इसके पहले दशकों पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए आम बजट को फरवरी के अंतिम कार्यकारी दिवस के बजाए 1 फरवरी को पेश किया गया था।
सरकार के जिस प्रस्ताव पर फिलहाल चर्चा चल रही है, उसके मुताबिक संसद का बजट सत्र दिसंबर से पहले शुरू होगा ताकि बजट की प्रक्रिया को साल की समाप्ति तक पूरा किया जा सके। आपको बता दें कि बजट की प्रक्रिया को पूरा करने में करीब दो महीने का वक्त लगता है, ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार नवंबर के पहले सप्ताह में आम बजट पेश कर सकती है।
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