सातवें वेतन आयोग के लागू हो जाने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में जहां 14.27 फीसदी में बढ़ोतरी हो जाएगी, वहीं अभी मिल रहे 196 में से 53 भत्ते समाप्त हो जाएंगे। इससे सरकार पर हर साल 29300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय ने अशोक लवासा कमेटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप अप्रैल में सौंप दी थी। सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की थी, कि कई सारे मौजूदा भत्तों को समाप्त कर दिया जाएं और वेतन में 14.27 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी जाए। भत्ते में कटौती करने से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा अंतर पैदा हो जाएगा।
कुछ दिनों पहले अशोक लवासा की अगुवाई वाली समिति ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अपनी समीक्षा रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट की जांच व्यय विभाग द्वारा की जा रही है। इसके बाद इसे सचिवों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद, सातवां वेतन आयोग के तहत भत्ते की रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रिमंडल को मंजूरी के लिए भेज दी जाएगी।
एक साल से अटका है सिफारिशों को लागू करना
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को केंद्र सरकार ने 2016 में 29 जून को स्वीकार कर लिया था। सरकार ने ये घोषणा की थी कि इसके तहत वेतन वृद्धि को 1 जनवरी से लागू किया जाएगा। लेकिन इस पर केंद्रीय कर्मचारियों ने अपना विरोध जताया जिसके बाद मामले की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया गया।
लवासा कमेटी ने की थीं यह अहम 8 सिफारिशें

7 pay commission report
अशोक लवासा की अगुवाई वाली समिति ने 27 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी। 28 अप्रैल को जारी अपने बयान में वित्त मंत्रालय ने कहा कि कुछ भत्तों जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और विशिष्ट कर्मचारी वर्गों पर लागू हैं, उनमें संशोधन का सुझाव दिया गया है।
- वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया कि लवासा समिति द्वारा विशिष्ट कर्मचारी श्रेणियों में रेलवे, डॉक्टर, वैज्ञानिक, रक्षाकर्मी और नर्स शामिल हैं।
- नरेन्द्र मोदी सरकार ने वित्त सचिव अशोक लवासा के अगुवाई में जुलाई 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की थी।
- सातवें वेतन आयोग ने कुल 196 भत्तों में से 52 को खत्म करने और 36 अन्य भत्तों को बड़े भत्तों में शामिल करने का सुझाव दिया था।
- सातवें वेतन आयोग ने कैशियर, साइकिल, मसाले, फ्लाइंग स्क्वाड, हेयरकट, बागे, साबुन, वर्दी, सतर्कता और धोने जैसे भत्तों को बंद करने या विलय करने की सिफारिश की थी।
- शुरुआत में भत्तों पर समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए चार महीने का समय दिया गया था, लेकिन ये समय सीमा बाद में 22 फरवरी, 2017 तक बढ़ा दी गई थी।
- अशोक लवासा की अगुवाई वाली समिति ने वित्त मंत्री को रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले कई मंत्रालयों के साथ-साथ कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा भी की थी।
- सरकारी कर्मचारियों से संबंधित मामलों में सातवें वेतन आयोग ने शहरों के आधार पर घर के किराए पर भत्ते को 2 से 6 फीसदी कम करने का सुझाव दिया था। कर्मचारी प्रतिनिधि इस भत्ते पर बकाए की मांग कर रहे हैं।
ऐसे होगा कैल्कुलेशन
सातवें वेतन आयोग के तहत जो नया सैलरी स्ट्रक्चर बनेगा, वो इस प्रकार हैः-
पीसीएस : डिप्टी कलेक्टर
वर्तमान में पा रहे : वेतनमान : 15600
ग्रेड पे : 5400
डीए : मूल वेतन का 125 फीसदी
नकद प्राप्ति : वेतनमान 15600+ ग्रेड पे 5400+(21000 का 125 प्रतिशत)
=21000+(26250)
= 21000+26250
= 47250
नए फार्मूले के अनुसार :
21000× 2.57 = 53970
नई वेतन मैट्रिक्स में मौजूदा 15600 रुपये वेतनमान व 5400 रुपये ग्रेड पे के लिए पहला स्लैब 56100 रुपये है। फार्मूले से प्राप्त रकम पहले स्लैब से कम है। नियम के मुताबिक वेतन मैट्रिक्स में पहले लेबल के स्लैब का वेतन 56100 रुपये बनेगा।
नया वेतन- 56100
फायदा = नई मैट्रिक्स में वेतन- पुराना वेतन
= 56100-47250
फायदा = 8850
- वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया कि लवासा समिति द्वारा विशिष्ट कर्मचारी श्रेणियों में रेलवे, डॉक्टर, वैज्ञानिक, रक्षाकर्मी और नर्स शामिल हैं।
- नरेन्द्र मोदी सरकार ने वित्त सचिव अशोक लवासा के अगुवाई में जुलाई 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की थी।
- सातवें वेतन आयोग ने कुल 196 भत्तों में से 52 को खत्म करने और 36 अन्य भत्तों को बड़े भत्तों में शामिल करने का सुझाव दिया था।
- सातवें वेतन आयोग ने कैशियर, साइकिल, मसाले, फ्लाइंग स्क्वाड, हेयरकट, बागे, साबुन, वर्दी, सतर्कता और धोने जैसे भत्तों को बंद करने या विलय करने की सिफारिश की थी।
- शुरुआत में भत्तों पर समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए चार महीने का समय दिया गया था, लेकिन ये समय सीमा बाद में 22 फरवरी, 2017 तक बढ़ा दी गई थी।
- अशोक लवासा की अगुवाई वाली समिति ने वित्त मंत्री को रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले कई मंत्रालयों के साथ-साथ कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा भी की थी।
- सरकारी कर्मचारियों से संबंधित मामलों में सातवें वेतन आयोग ने शहरों के आधार पर घर के किराए पर भत्ते को 2 से 6 फीसदी कम करने का सुझाव दिया था। कर्मचारी प्रतिनिधि इस भत्ते पर बकाए की मांग कर रहे हैं।
ऐसे होगा कैल्कुलेशन
सातवें वेतन आयोग के तहत जो नया सैलरी स्ट्रक्चर बनेगा, वो इस प्रकार हैः-
पीसीएस : डिप्टी कलेक्टर
वर्तमान में पा रहे : वेतनमान : 15600
ग्रेड पे : 5400
डीए : मूल वेतन का 125 फीसदी
नकद प्राप्ति : वेतनमान 15600+ ग्रेड पे 5400+(21000 का 125 प्रतिशत)
=21000+(26250)
= 21000+26250
= 47250
नए फार्मूले के अनुसार :
21000× 2.57 = 53970
नई वेतन मैट्रिक्स में मौजूदा 15600 रुपये वेतनमान व 5400 रुपये ग्रेड पे के लिए पहला स्लैब 56100 रुपये है। फार्मूले से प्राप्त रकम पहले स्लैब से कम है। नियम के मुताबिक वेतन मैट्रिक्स में पहले लेबल के स्लैब का वेतन 56100 रुपये बनेगा।
नया वेतन- 56100
फायदा = नई मैट्रिक्स में वेतन- पुराना वेतन
= 56100-47250
फायदा = 8850
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