जिन कम्प्यूटर और लैपटॉप का लगातार इस्तेमाल किया जाता है, वो एक समय के बाद स्लो वर्किंग करने लगते हैं। कई बार तो नौबत यहां तक आ जाती है कि सिस्टम बूट होने में कई मिनट का वक्त लगता है। इस बात से परेशान होकर यूजर्स उसे फॉर्मेट तक कर देते हैं।
हालांकि, सिस्टम का स्लो होना इतनी बड़ी समस्या नहीं है, जिसके लिए उसे फॉर्मेट किया जाए। हम आपको कुछ ऐसे आसान टिप्स बता रहा है, जिनकी मदद से यूजर्स अपने स्लो सिस्टम को फास्ट कर सकते हैं|
रिसाइकिल बिन (Recycle Bin) को खाली करें
जो फाइल यूजर्स के काम की नहीं होती, उन्हें डिलीट कर दिया जाता है। ऐसे में डिलीट फाइल सिस्टम के रिसाइकिल बिन (Recycle Bin) यानी कूड़े के डब्बे में चली जाती है। यानी फाइल सिस्टम से हमेशा के लिए डिलीट नहीं होती। ऐसी कई फाइल होती हैं जो डिलीट करने के बाद Recycle Bin में जाती रहती हैं। इस तरह रिसाइकिल बिन लगातार भरता जाता है, क्योंकि ये विंडोज का हिस्सा है। ऐसे में डिलीट फाइल विंडोज की उस ड्राइव में हमेशा के लिए पड़ी रहती है जिसमें विंडोज इन्स्टॉल है।
इसके लिए जरूरी है कि यूजर्स रिसाइकिल बिन को ओपन करके उसमें मौजूद सभी फाइलों को भी डिलीट कर दे। यहां से डिलीट फाइल सिस्टम से हमेशा के लिए डिलीट हो जाती हैं। हालांकि, कोई यूजर्स किसी फाइल को हमेशा के लिए डिलीट करना चाहता है तो वो Shift + Delete कमांड का इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में फाइल रिसाइकिल बिन में नहीं जाती। Recycle Bin का आईकॉन डेस्कटॉप पर मौजूद होता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए Read Source पर क्लिक करें।
स्टार्ट अप करें कम
कई बार लोग अपने सिस्टम पर स्टार्ट अप प्रोग्राम्स को ज्यादा इन्स्टॉल कर लेते हैं। ऐसा करने से कम्प्यूटर की स्पीड कम होती है। जिन लोगों को स्टार्ट अप के बारे में नहीं पता उन्हें बताते चलें कि ये ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो कम्प्यूटर के ऑन होने पर ऑटोमैटिकली ऑन हो जाते हैं। इसमें कई विजेट्स जैसे एनालॉग क्लॉक, स्क्रीन न्यूज फीड, जी-टॉक, स्काइप, बिट टोरेंट जैसे प्रोग्राम शामिल होते हैं जिन्हें यूजर्स अक्सर इस्तेमाल करते हैं।
कैसे करें अनइन्स्टॉल :
* स्टार्ट मेन्यू पर जाएं और रन कमांड चुने या फिर 'windows key + R' क्लिक करें
* जो विंडो ओपन होगी उसमें "msconfig" लिखकर एंटर बटन दबाएं
* यहां से स्टार्ट अप (Start Up) टैब पर क्लिक करें और जिन प्रोग्राम्स का इस्तेमाल नहीं करना उन्हें लिस्ट से हटा दें।
C ड्राइव को रखें खाली
कम्प्यूटर में C ड्राइव सबसे जरूरी ड्राइव होती है। हार्ड डिस्क के इस हिस्से में सभी जरूरी सॉफ्टवेयर्स रहते हैं जिनके बिना आपका सिस्टम चल नहीं पाएगा। इस ड्राइव में ज्यादा डाटा ना रखें। जो गैर जरूरी प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर हैं उन्हें किसी और ड्राइव में इन्स्टॉल करें। कोई भी पर्सनल डाटा C ड्राइव में न रखें।
गेमिंग कम्प्यूटर के लिए करें ग्राफिक्स ड्राइवर अपग्रेड
अगर आप HD गेमिंग के शौकीन हैं तो थोड़ा-सा तकनीकी, लेकिन काम का उपाय आपके स्लो पीसी को फास्ट बना सकता है। गेमर्स के लिए सबसे जरूरी है कि वो अपने पीसी के ड्राइवर्स अपग्रेड करते रहें। ड्राइवर्स वो खास प्रोग्राम होते हैं जो किसी हार्डवेयर को चलाने का काम करते हैं। पीसी खरीदते समय जो ड्राइवर्स आते हैं वो कुछ समय बाद पुराने हो जाते हैं।
अपने हार्डवेयर के हिसाब से किसी वेंडर से ड्राइवर अपडेट किए जा सकते हैं। पीसी में AMD, nVidia या इंटेल जिसका भी ग्राफिक्स प्रोसेसर हो उसके हिसाब से वेंडर से ड्राइवर भी अपग्रेड करवा लें। ऐसे में गेम खेलते समय कभी भी पीसी हैंग नहीं होगा।
ना रखें एक से ज्यादा एंटीवायरस
आज के जमाने में वायरस के कारण एंटीवायरस जरूरी है, लेकिन पीसी के हिसाब से सिर्फ एक रजिस्टर्ड एंटीवायरस ही काफी रहता है। ऐसे में दो प्रोग्राम या अलग के कोई फायरवॉल प्रोग्राम इन्स्टॉल करने पर पीसी स्ले हो जाता है। एंटीवायरस या फायरवॉल जैसे प्रोग्राम बहुत पावर लेते हैं ऐसे में दो प्रोग्राम्स एक साथ काम करेंगे तो स्पीड कम होगी।
करप्ट फाइल स्कैन करें
कम्प्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम हमेशा पीसी की सिस्टम फाइल्स में बदलाव करता रहता है। इनमें कई फाइल्स ऐसी होती हैं जो सिस्टम अपडेट के बाद करप्ट हो जाती हैं। ऐसी फाइल्स यूजर्स के काम की नहीं होती हैं, लेकिन फिर भी सिस्टम में जगह घेरे रहती हैं। ऐसी फाइल्स को डिलीट किया जा सकता है या फिर रिपेयर किया जा सकता है।
हार्डवेयर का रखें ध्यान
अगर आपका पीसी बहुत पुराना हो चुका है तो उसकी स्पीड बढ़ाने के लिए हार्डवेयर बदलना भी जरूरी हो जाएगा। मसलन पीसी की रैम बढ़ाई जा सकती है। केबल बदले जा सकते हैं। कई बार ज्यादा पुराने पीसी में पोर्ट्स जाम हो जाते हैं। अगर बार-बार पीसी हैंग हो रहा है तो किसी टेक्नीशियन को बुला कर हार्डवेयर की जांच करवा लें। एक बार सॉफ्टवेयर को भी जांच लें। मसलन अगर आप विंडोज XP का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसकी जगह विंडोज 7 या 8 इन्स्टॉल करा सकते हैं।
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