डिपार्टमेंट को उम्मीद है कि इससे ट्रेन ऑपरेशन में भी सुधार होगा। रेल मंत्रालय के मुताबिक, मेन रूट्स पर 2541 किलोमीटर में नए कम्युनिकेशन सिस्टम ने काम शुरू कर दिया है। जबकि 3408 किलोमीटर रूट पर इसका काम तेजी से चल रहा है। 5 हजार करोड़ से डेवलप हो रहा कॉरिडोर...
एक सीनियर रेलवे अफसर ने बताया कि इस सिस्टम से रेलवे के कर्मचारी (गैंगमेन) लोको पायलट और स्टेशन मास्टर को ट्रैक के हालात की सीधी जानकारी दे सकेंगे। इससे ट्रेन ऑपरेशन में सुधार होगा।
- कम्युनिकेशन कॉरिडोर बनाने के लिए रेल मंत्रालय ने एक कंपनी को जिम्मा सौंपा है। यह कॉरिडोर 5000 करोड़ की लागत से पीपीपी मॉडल के तहत डेवलप किया जा रहा है।
फिलहाल क्या इंतजाम है?
- ट्रेन ऑपरेशन के लिए रेलवे फिलहाल वायरलेस सिस्टम का इस्तेमाल करता है। GSM-R नेटवर्क के जरिए ड्राइवर और कंट्रोलर किसी ट्रेन का रूट तय करते हैं।
- रेलवे के सिग्नल और टेलिकॉम विंग के अफसर ने बताया कि अब GSM-R (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन-रेलवेज) की जगह LTE-R (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन-रेलवेज) सिस्टम लगाया जा रहा है।
- रेलवे के सिग्नल और टेलिकॉम विंग के अफसर ने बताया कि अब GSM-R (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन-रेलवेज) की जगह LTE-R (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन-रेलवेज) सिस्टम लगाया जा रहा है।
इससे और क्या फायदा होगा?
- हाईस्पीड कॉरिडोर से अगल-अलग रूट की ट्रेनों के ऑपरेशन में सेफ्टी और मैनेजमेंट के अलावा पैसेंजर्स को ब्रॉडबैंड सर्विस भी मिलेगी।
- पैसेंजर्स आजकल हर वक्त इंटरनेट कनेक्टिविटी चाहते हैं। चाहे वो ट्रेन में हों या स्टेशन पर। यह सिस्टम रेलवे के साथ पैसेंजर्स की जरूरतों को पूरा करेगा।
- नया सिस्टम आने वाले वक्त में मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्युनिकेशन में कंट्रोल ऑफिस और ट्रेन के क्रू के साथ बेहतर कम्युनिकेशन बनाने में मददगार होगा।
- इससे पैसेंजर्स को रियल टाइम मल्टीमीडिया इन्फॉर्मेशन मिलेंगी और वे सफर के दौरान हर वक्त सोशल नेटवर्क के साथ भी जुड़े रहेंगे।
- पैसेंजर्स आजकल हर वक्त इंटरनेट कनेक्टिविटी चाहते हैं। चाहे वो ट्रेन में हों या स्टेशन पर। यह सिस्टम रेलवे के साथ पैसेंजर्स की जरूरतों को पूरा करेगा।
- नया सिस्टम आने वाले वक्त में मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्युनिकेशन में कंट्रोल ऑफिस और ट्रेन के क्रू के साथ बेहतर कम्युनिकेशन बनाने में मददगार होगा।
- इससे पैसेंजर्स को रियल टाइम मल्टीमीडिया इन्फॉर्मेशन मिलेंगी और वे सफर के दौरान हर वक्त सोशल नेटवर्क के साथ भी जुड़े रहेंगे।
स्टेशनों पर मिलता है इंटरनेट
-पिछले साल देश के बड़े स्टेशनों पर फ्री इंटरनेट फैसिलिटी की शुरूआत हुई थी। भारत दौरे पर आए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इसका एलान किया था।
- हाल ही में शुरू हुई तेजस एक्सप्रेस समेत देश की कुछ ट्रेनों में पैसेंजर्स के लिए वाईफाई फैसिलिटी है।
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