नमस्कार आज सुप्रीम कोर्ट की जो वेबसाइट है उस पर फिक्ष पे केस की नयी रखी गई है . गुजरात में २०१२ में गुजरात हाई कोर्ट ने यह फरमान किया था की फिक्स पे प्रथा बंधारण के खिलाफ है.
यह प्रथा हो शके उतनी जल्दी बांध करदेनी चाहिए. और जितने भी कर्मचारी ओ ने फिक्ष पे में कम किया है उन सभीको हो शके उतनी जल्दी में पुरे पगार में अरियस देनी चाहिए. उस वक्त की गुजरात की सरकार ने गुजरात हाय कोर्ट के इस फेसले को सुप्रीम कोर्ट में रखा था और तभीसे आज तक हाई कोर्ट मेसे कोई फेसला आया नहीं है. और तारीख पे तारीख आ रही है. इसबार भी है कोर्ट नि वेबसाइट पे एक नै तारीख जरी की है. यह तारीख है 09/05/2017.
जायफल: स्वादिष्ट मसाले का खून भरा इतिहास आज हम ऐसे मसाले की बात करने वाले हैओ जिसे आम तौर ख़िर में छिड़का जाता है । जी हाँ , जायफल की ! आपको शायद ताजुब्ब होगा कि ज्यादातर लोग शायद इसकी उत्पत्ति के बारे में विशेष रूप से कुछ नही जाने हैं ।समें कोई संदेह नहीं है – यह सुपरमार्केट में मसाला गलियारे से आता है, है ना? लेकिन इस मसाले के पीछे दुखद और खूनी इतिहास छुपा छह है । लेकिन सदियों से जायफल की खोज में हजारों लोगों की मौत हो गई है। जायफल क्या है? सबसे पहले हम जानते है कि आखिर ये जायफ़ल है क्या ? तो ये नटमेग मिरिस्टिका फ्रेंगनस पेड़ के बीज से आता है । जो बांदा द्वीपों की लंबीसदाबहार प्रजाति है जो इंडोनेशिया के मोलुकस या स्पाइस द्वीप समूह का हिस्सा हैं। जायफल के बीज की आंतरिक गिरी को जायफल में जमीन पर रखा जाता है ।जबकि अरिल (बाहरी लेसी कवर) से गुदा निकलता है। जायफल को लंबे समय से न केवल भोजन के स्वाद के रूप में बल्कि इसके औषधीय गुणों के लिए भी महत्व दिया गया है। वास्तव में जब बड़ी मात्रा में जायफल लिया जाता है तो जायफल एक ल्यूकोसिनोजेन है जो मिरिस्टिसिन नामक एक साइकोएक्टिव केम
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