ताजमहल सिर्फ़ प्यार की निशानी ही नहीं हैं, बल्कि इसका नाम दुनिया के सात अजूबों में भी शुमार किया जाता है. इस खूबसूरत और प्यार की कहानी बयां करने वाली इमारत को किसने किस लिए बनवाया हम सब जानते हैं पर इसके बावजूद बहुत सी ऐसी बातें भी है जिन्हें हम नहीं जानते.
हम आज आपको ताजमहल के उन्हीं रहस्यों के बारे में बता रहे हैं, जो इस खूबसूरत इमारत की चकाचौंध में नहीं दिखाई पड़ते.
1. मुमताज़ के मकबरे की छत पर एक छेद
मकबरे की छत की छेद से टपकते पानी की बूंद के पीछे कई कहानियां प्रचलित है, जिसमें से एक यह है कि जब शाहजहां ने सभी मज़दूरों के हाथ काट दिए जाने की घोषणा की ताकि वे कोई और ऐसी खूबसूरत इमारत न बना सके तो मजदूरों ने ताजमहल को पूरा के बावजूद इसमें एक ऐसी कमी छोड़ दी जिससे शाहजहां का खूबसूरत सपना पूरा न हो सके.

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2. ताजमहल के चारों ओर बांस का घेरा
द्वितीय विश्व युद्ध, 1971 भारत-पाक युद्ध और 9/11 के बाद इस भव्य इमारत की सुरक्षा के लिए ASI ने ताजमहल के चारों और बांस का सुरक्षा घेरा बना कर उसे हरे रंग की चादर से ढक दिया था, जिससे ताजमहल दुश्मनों को नज़र न आये और इसे किसी प्रकार की क्षति से बचाया जा सके.

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3. शाहजहां ने जब पहली बार ताजमहल को देखा
जब शाहजहां ने पहली बार ताजमहल का दीदार किया तो उसने कहा “ये सिर्फ़ प्यार की कहानी बयां नहीं करेगा बल्कि उन सबको दोष मुक्त भी करेगा जो इस पाक जमीं पर अपने क़दम रखेंगे और चांद-सितारे इसके गवाही देंगे”

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4. मजदूरों के हाथ काट दिए गये
ताजमहल बनने के बाद की एक अफ़वाह यह थी कि शाहजहां ने मजदूरों के हाथ कटवा लिए थे, पर अगर इतिहास पर नज़र डाली जाये तो ताजमहल के बाद भी कई इमारतों को बनवाने में उन लोगों का योगदान रहा था. उस्ताद अहमद लाहौरी उस दल का हिस्सा रहे थे जिसने ताजमहल को बनाया था और लाल किले का निर्माण का कार्य भी उन्हीं की देख-रेख में शुरू हुआ था.

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5. ताजमहल के मीनार
अगर ताजमहल के मीनारों पर ध्यान दिया जाये तो हम पाएंगे कि चारो मीनार एक दूसरे की ओर झुके हुए नज़र आते है, जिन्हें बिजली और भूकम्प के दौरान मुख्य गुम्बद पर न गिरने के लिए इस एंगल से बनाया गया है.

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6. ताजमहल जब बेच दिया गया
बिहार के सुप्रसिद्ध ठग नटवरलाल के बारे में यह कहानी प्रचलित है कि एक बार उसने ताजमहल को मंदिर बताकर लोगों को बेच दिया था. नटवर लाल के पैतृक गांव के लोग उसके इसी कारनामे के लिए गांव में उसका मंदिर बनवाने की मांग उठाने लगे हैं.

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7. यमुना न होती तो ताजमहल न होता
ताजमहल का आधार एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसे मजबूत बनाये रखने के लिए नमीं की जरूरत होती है, जिसे नज़दीक ही बहने वाली यमुना बनाए रखती है.

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8. पिशाचों की कलाकृति
ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के कीमती पत्थरों को लगाया गया था जो चीन, तिब्बत से लेकर श्रीलंका से लाये गये थे. ब्रिटिश काल के समय इन बेश-कीमती पत्थरों को अंग्रेजों ने निकाल लिया था. जिसके बारे में यह कहा जाता था कि ये बेश-कीमती पत्थर किसी की भी आंखे चौंधियाने की काबिलियत रखते थे.

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9. क़ुतुब मीनार से भी लम्बा
कुतुब मीनार को देश की सबसे ऊंची इमारत के तौर पर जाना जाता है पर इसकी ऊंचाई भी ताजमहल के सामने छोटी पड़ जाती है. सरकारी आंकड़ो के अनुसार ताजमहल, क़ुतुब मीनार से 5 फुट ज़्यादा लम्बा है.

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10. ताजमहल पर खर्च
शाहजहां ने जब ताजमहल बनवाया था तब उस पर लगभग 32 मिलियन खर्च हुए थे. जिसकी कीमत आज 1,062,834,098 USD हैं.

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11. सारे फव्वारे एक ही समय पर काम करते है
ताजमहल में लगा कोई भी फव्वारा किसी पाइप से नहीं जुड़ा हुआ है. बल्कि हर फव्वारे के नीचे एक तांबे का टैंक बना हुआ है, जो एक ही समय पर भरता है और दबाब बनने पर एक साथ ही काम करता हैं.

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12. ताजमहल का गायब होना
8 नवम्बर 2000 का दिन ताजमहल को देखने वालो के लिए बड़ा ही अचंभित करने वाला था PC Sorkar Jr.ने ऑप्टिकल साइंस के जरिये ताजमहल को गायब करने का भ्रम पैदा कर दिया था.

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13. 12000 सैलानी
ताजमहल एक दिन में वर्ल्ड में सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली भव्य इमारतों में सबसे ऊपर हैं. इसे देखने के लिए पूरी दुनिया से 12000 सैलानी हर रोज आगरा आते हैं.

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14. काले ताजमहल का सपना
शाहजहां की एक ख्वाहिश यह भी थी कि जैसे उसने अपनी बीबी के लिए सफ़ेद ताजमहल बनाया था. वैसा ही एक काला ताजमहल खुद के लिए बनवा सके. पर शाहजहां को जब उसके बेटे औरंगजेब ने कैद कर लिया तो उसका ये सपना बस सपना ही रह गया.

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15. ताजमहल के साथ पहली सेल्फी
आज हम सब सेल्फी के दीवाने है पर George Harrison नाम के इस व्यक्ति ने Fish Eye Lense की मदद से उस समय ही ले ली थी जब सेल्फी का दौर ही नहीं था. मतलब ताजमहल के साथ पहली सेल्फी George Harrison ने ली थी.

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16. ताजमहल का रंग बदलता है
यह बात जरुर हैरान करने वाली है पर ताजमहल का रंग भी बदलता है, दिन के अलग अलग पहर के हिसाब से ताज भी अपना रंग बदलता रहता है. सुबह देखने पर ताज गुलाबी दिखता है, शाम को दुधिया सफ़ेद और चांदनी रात में सुनहरा दिखता है.

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17. अमेरिका में ताजमहल
ताजमहल के दीवानों का जब भी जिक्र होगा सबसे पहला नाम ग्रैमी अवार्ड विनर, सिंगर Henry Saint Clair Fredericks का होगा. उन्हें ताज से इतनी मोहब्बत है की उन्होंने अपना स्टेज नेम ही ताजमहल रख लिया है.

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18. आपके दिल में ताज
ताजमहल बनाने वालो ने इसके हर पहलू पर बड़ा ध्यान दिया है, यहा के लोग कहते हैं कि जब आप यहां से जाते हैं तो ताजमहल को अपने दिल में लेकर जाते हैं. एक सीमा तक जैसे-जैसे आप ताज से दूर जाते हैं ताजमहल आपको और बड़ा भव्य लगने लगता है और आपकी यादों से कभी जुदा नहीं होता.
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शाहजहां ने वास्तुकला को संरक्षण दिया। उसके काल को वास्तुकला का स्वर्ण काल कहा जाता है। उस मुगल बादशाह शाहजहां का जन्म 5 जनवरी 1592 को लाहौर पाकिस्तान में हुआ था। कहते हैं उसने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताज महल का निर्माण कराया था। जानते हैं ताज महल, शाहजहां और मुमताज से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें...
- आगरा का ताज हासिल करने से पहले शाहजहां का नाम शहजादा खुर्रम था। अर्जुमंद बानो की बेपनाह खूबसूरती से प्रभावित होकर शाहजहां ने उन्हें अपनी तीसरी बेगम बनाया और नाम मुमताज महल रखा गया, जिसका अर्थ है महल का बेशकीमती नगीना।
- डेक्कन में खान जहां लोदी के विद्रोह को काबू करने के लिए शाहजहां को बुरहानपुर जाना था। तब गर्भवती होने के बावजूत मुमताज को शाहजहां आगरा से 787 किलोमीटर दूर धौलपुर, ग्वालियर, मारवाड़ सिरोंज, हंदिया होता हुआ बुरहानपुर ले गया। यहां सैनिक अभियान चल रहा था।
- चौदहवीं संतान को जन्म देते समय मुमताज महल ने 17 जून 1631 की सुबह उसने तड़पते हुए प्राण त्यागे थे। जब मुमताज प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी, उस वक्त शाहजहां डेक्कन के विद्रोह को खत्म करने के बाद की रणनीति बना रहा था। उसे मुमताज की खराब हालत की सूचना मिली। इस दौरान वह मुमताज के पास नहीं गया। उसने दाइयों को भेजने के निर्देश दिए।
- मुमताज ने आखिरी वक्त पर शाहजहां से 2 वादे लिए। पहला वादा शादी न करने को लेकर था। जबकि दूसरा वादा एक ऐसा मकबरा बनवाने का था जो अनोखा हो। शाहजहां ने पहला वादा तोड़कर मुमताज की बहन से शादी कर ली थी। मुमताज, शाहजहां की सात पत्नियों में से चौथी थी।
- मुमताज की देखभाल करने वाली सती उन निसा ने उसके मृत शरीर को रूई के 5 कपड़ों में लपेट दिया। मुमताज के शव को ताप्ती नदी के किनारे जैनाबाग में जमानती तौर (अस्थाई) पर दफन कर दिया गया। मौत के 12 साल बाद शव को आगरा के निर्माणाधीन ताजमहल में दफन किया गया.
- ताजमहल की सजावट में 28 प्रकार से भी ज्यादा उत्तम जड़ाऊ रत्नों का प्रयोग किया गया है। घड़ियां नहीं होने के कारण सूरज और चांद की रोशनी के ताजमहल पर पड़ने के हिसाब से समय का अनुमान लगाया जाता था।
- 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेज सैनिक ताजमहल में जड़े अनमोल रत्नों को निकाल ले गए थे। ताजमहल को और अधिक खूबसूरत बनाने के लिए इसमें जगह-जगह पर कुरान की आयतों को भी उकेरा गया है।
- मुमताज की कब्र पर बूंद-बूंद पानी गिरता रहता है। ऐसा दुनिया के किसी भी मकबरे में नहीं होता है। इससे अनुमान लगाया जाता है कि यह पहले शिवालय था, जिसे कब्जा कर शाहजहां ने ताजमहल का नाम दिया।
- ताजमहल की नींव में विशेष प्रकार की आबनूस और महोगनी की लकड़ी का प्रयोग किया गया है। इन्हें मजबूत बनाए रखने के लिए नमी की जरूरत होती है, जो अब यमुना के जलस्तर कम होने के कारण सूखती जा रही है। इससे ताजमहल के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
- ताजमहल में लगा कोई भी फव्वारा किसी पाइप से नहीं जुड़ा हुआ है। हर फव्वारे के नीचे एक तांबे का टैंक बना हुआ है, जो एक ही समय पर भरता है और दबाब बनने पर एक साथ सारे फव्वारे काम करते हैं।

Taj Mahal Facts in Hindi
1. क्या आप जानते है कि ताजमहल को शांहजहां ने बनवाया था, इस बात का कोई सबूत मौजूद नहीं है।
2. ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू होकर 1653 तक चला। इस तरह ताज महल बनने में 22 साल लगे। भारत के इलावा फारस और तुर्की के मज़दूर भी थे।
3. Taj Mahal के हर नीव वाले कोने में एक-एक मीनार है। यह चारों मीनारे मक़बरे को संतुलन देती हैं।
4. यह चारों मीनारे 41.6 मीटर ऊँची हैं और इन्हें बाहर की ओर हल्का सा झुकाव दिया गया है ताकि यह मीनारें भुकंप जैसी आपदा में मक़बरे पर न गिरकर बाहर की ओर गिरें।

ढ़का हुआ गुंबद

ताज के नीचे का डिज़ाइन
7. Taj Mahal को 28 तरह के कीमती पत्थरों से सजाया गया था जो कई देशों से लाए गए थे। इन वेश-कीमती पत्थरों को अंग्रेजों ने निकाल लिया था।
8. जब ताजमहल बनाया गया था तो इस पर लगभग 3 करोड़ रूपए खर्च हुए थे। उस समय के तीन करोड़ आज के 63 अरब 77 करोड़ के बराबर हैं।

ताज के फव्वारे
10. ताजमहल को देखने हर साल 40 लाख लोग आते हैं। इस में से 70 फीसदी ही भारतीय होते हैं।

काला ताजमहल

औरंगाबाद स्थित बीवी का मकबरा

मज़दूर द्वारा बनाया गई ईमारत
हिंदू पक्ष के दावे।
अब आपको ताजमहल को लेकर हिंदू पक्ष के दावों के बारे में बताते हैं।
1. हिंदू पक्ष के अनुसार ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय है।
2. आम तौर पर समझा जाता है कि ताजमहल नाम मुमताजमहल, जो कि वहां पर दफन की गई थी, के कारण पड़ा। यह बात दो कारणो के कारण ठीक नही बैठती – पहली तो यह कि शांहजहां की बेगम का ना मुमताजमहल नही था, और दूसरा यह कि किसी इमारत का नाम रखने के लिए मुमताज नामक महिला के नाम से ‘मुम‘ को हटा देने का कुछ मतलब नही निकलता।
3. ताजमहल शब्द के अंत में आये ‘महल’ मुस्लिम शब्द है ही नहीं, अफगानिस्तान से लेकर अल्जीरिया तक किसी भी मुस्लिम देश में एक भी ऐसी इमारत नहीं है जिसे कि महल के नाम से पुकारा जाता हो।
4. भारतवर्ष में 12 ज्योतिर्लिंग है। ऐसा प्रतीत होता है कि तेजोमहालय उर्फ ताजमहल उनमें से एक है जिसे कि नागनाथेश्वर के नाम से जाना जाता था क्योंकि उसके जलहरी को नाग के द्वारा लपेटा हुआ जैसा बनाया गया था। जब से शाहज़हां ने उस पर कब्ज़ा किया, उसकी पवित्रता और हिंदुत्व समाप्त हो गई।
5. चूँकि महिला का नाम मुमताज़ था जो कि ज़ अक्षर मे समाप्त होता है न कि ज में (अंग्रेजी का Z न कि J), भवन का नाम में भी ताज के स्थान पर ताज़ होना चाहिये था (अर्थात् यदि अंग्रेजी में लिखें तो Taj के स्थान पर Taz होना था जैसा कि उर्दू में ज के लिए J नही Z का उपयोग किया जाता है)।
इसके सिवाए श्री पी.एन.ओक ने अपनी पुस्तक ‘ताजमहल इज़ ए हिंदू टेंपल‘ में 100 से भी अधिक दलीलों का हवाला देकर दावा करते हैं कि ताजमहल एक शिव मंदिर था जो कि 12 ज्योतिलिंग में से एक था।
इस विषय के बारे में आपको ज्यादा जानकारी यहां मिलेगी।
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