नई दिल्ली। whatsapp पर जब हम किसी के मैसेज पढ़ते हैं तो भेजने वाले को ब्लू टिक दिखाई देने लगता है। कई बार हमें लोग मैसेज करते हैं जिसे हम पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन रिप्लाई नहीं करना चाहते। ऐसे में ब्लू टिक शो होने पर मैसेज भेजने वाले को पता चल जाता है कि मैसेज पढ़ लिया गया है और उसका रिप्लाई करना मजबूरी बन जाती है। लेकिन Unseen - No Last Seen एप से मैसेज पढ़ने के बाद मैसेज भेजने वाले को ब्लू टिक शो नहीं होता है। साथ ही सही लास्ट सीन भी नहीं दिखाई देता है। यह एप उस वक्त भी काम करता है जब लास्ट सीन और ब्लू टिक शो करने का ऑप्शन ऑन हो। यह एप मुफ्ट में गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध है जिसे अब तक 50 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं। यह एंड्रॉयड 4.3 या उसके ऊपर के वर्जन पर काम करता है।एप डाउनलोड होते ही यह कुछ परमिशन मांगेगा। उन्हें ओके कर दें। इसके बाद नोटिफिकेशन एक्सेस में जाकर ओके को टैप करें और जो परमिशन मांगी जाए उसे अलाउ कर दें। इसके बाद एक नया पेज खुलेगा जिसमें अनसीन टीम आपका वेलकम करेगी। यहां आपको मैसेंजर और टेलीग्राम का विकल्प भी नजर आएगा क्योंकि यह एप उन दोनों पर भी काम करता है। इसके बाद जैसे ही कोई आपको व्हॉट्सएप पर मैसेज करेगा, मैसेज इस एप पर आने लगेगा। यहां आप मैसेज पढ़ सकते हैं और भेजने वाले को ब्लू टिक नहीं दिखेगा और भेजने वाले को आपका पुराना लास्ट सीन ही दिखेगा।
जायफल: स्वादिष्ट मसाले का खून भरा इतिहास आज हम ऐसे मसाले की बात करने वाले हैओ जिसे आम तौर ख़िर में छिड़का जाता है । जी हाँ , जायफल की ! आपको शायद ताजुब्ब होगा कि ज्यादातर लोग शायद इसकी उत्पत्ति के बारे में विशेष रूप से कुछ नही जाने हैं ।समें कोई संदेह नहीं है – यह सुपरमार्केट में मसाला गलियारे से आता है, है ना? लेकिन इस मसाले के पीछे दुखद और खूनी इतिहास छुपा छह है । लेकिन सदियों से जायफल की खोज में हजारों लोगों की मौत हो गई है। जायफल क्या है? सबसे पहले हम जानते है कि आखिर ये जायफ़ल है क्या ? तो ये नटमेग मिरिस्टिका फ्रेंगनस पेड़ के बीज से आता है । जो बांदा द्वीपों की लंबीसदाबहार प्रजाति है जो इंडोनेशिया के मोलुकस या स्पाइस द्वीप समूह का हिस्सा हैं। जायफल के बीज की आंतरिक गिरी को जायफल में जमीन पर रखा जाता है ।जबकि अरिल (बाहरी लेसी कवर) से गुदा निकलता है। जायफल को लंबे समय से न केवल भोजन के स्वाद के रूप में बल्कि इसके औषधीय गुणों के लिए भी महत्व दिया गया है। वास्तव में जब बड़ी मात्रा में जायफल लिया जाता है तो जायफल एक ल्यूकोसिनोजेन है जो मिरिस्टिसिन नामक एक साइकोएक्टिव केम
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