गुजरात मुल्की सेवा नियमो २००२ : गुजरत में २००२ से मुल्की सेवा नियमें लागु किये गए है| हर एक सरकारी कर्मचारी को इसके बारेमे जानना जरुरी बनता है| जब हमें हमारी नोकरी में कभी कोई प्रॉब्लम होती है तब अगर हम सभी न्यामे पढ़े हुए होते हे तो हमें ज्यादा फायदा मिलता है| मुल्की सेवा नियमो २००२ के तहत सभी कर्मचारी के सभी नियमे बहोत ही अछे तरीके से बनाये गए ताकि किसी भी कर्मचारी को कोई भी तकलीफ न हो. इसी लिए हम सबको मुल्की सेवा नियमे जरुर पढना चाहिए| यह मुल्की सेवा नियमे हम यहाँ ८ प्रकारके रख रहे हो जिससे आपको बहुत ही फायदा मिलेंगा| गुजरत की सभी सरकारी नोकरी करने वाले सभी कर्मचारी के लिए यह बहोत ही फायदेमंद रहेगा| हमें आशा है की हमारे इस प्रयास से आपको जरुर फायदा होगा | अगर अच्छा लगे तो सभी के साथ शेर करे| शुक्रिया| डाऊनलोड करनेकी लिंक निचे दी गई है|.गुजरात मुल्की सेवा नियमो २००२ : गुजरत में २००२ से मुल्की सेवा नियमें लागु किये गए है| हर एक सरकारी कर्मचारी को इसके बारेमे जानना जरुरी बनता है| जब हमें हमारी नोकरी में कभी कोई प्रॉब्लम होती है तब अगर हम सभी न्यामे पढ़े हुए होते हे तो हमें ज्यादा फायदा मिलता है| मुल्की सेवा नियमो २००२ के तहत सभी कर्मचारी के सभी नियमे बहोत ही अछे तरीके से बनाये गए ताकि किसी भी कर्मचारी को कोई भी तकलीफ न हो. इसी लिए हम सबको मुल्की सेवा नियमे जरुर पढना चाहिए| यह मुल्की सेवा नियमे हम यहाँ ८ प्रकारके रख रहे हो जिससे आपको बहुत ही फायदा मिलेंगा| गुजरत की सभी सरकारी नोकरी करने वाले सभी कर्मचारी के लिए यह बहोत ही फायदेमंद रहेगा| हमें आशा है की हमारे इस प्रयास से आपको जरुर फायदा होगा | अगर अच्छा लगे तो सभी के साथ शेर करे| शुक्रिया| डाऊनलोड करनेकी लिंक निचे दी गई है|.गुजरात मुल्की सेवा नियमो २००२ : गुजरत में २००२ से मुल्की सेवा नियमें लागु किये गए है| हर एक सरकारी कर्मचारी को इसके बारेमे जानना जरुरी बनता है| जब हमें हमारी नोकरी में कभी कोई प्रॉब्लम होती है तब अगर हम सभी न्यामे पढ़े हुए होते हे तो हमें ज्यादा फायदा मिलता है| मुल्की सेवा नियमो २००२ के तहत सभी कर्मचारी के सभी नियमे बहोत ही अछे तरीके से बनाये गए ताकि किसी भी कर्मचारी को कोई भी तकलीफ न हो. इसी लिए हम सबको मुल्की सेवा नियमे जरुर पढना चाहिए| यह मुल्की सेवा नियमे हम यहाँ ८ प्रकारके रख रहे हो जिससे आपको बहुत ही फायदा मिलेंगा| गुजरत की सभी सरकारी नोकरी करने वाले सभी कर्मचारी के लिए यह बहोत ही फायदेमंद रहेगा| हमें आशा है की हमारे इस प्रयास से आपको जरुर फायदा होगा | अगर अच्छा लगे तो सभी के साथ शेर करे| शुक्रिया| डाऊनलोड करनेकी लिंक निचे दी गई है|.
जायफल: स्वादिष्ट मसाले का खून भरा इतिहास आज हम ऐसे मसाले की बात करने वाले हैओ जिसे आम तौर ख़िर में छिड़का जाता है । जी हाँ , जायफल की ! आपको शायद ताजुब्ब होगा कि ज्यादातर लोग शायद इसकी उत्पत्ति के बारे में विशेष रूप से कुछ नही जाने हैं ।समें कोई संदेह नहीं है – यह सुपरमार्केट में मसाला गलियारे से आता है, है ना? लेकिन इस मसाले के पीछे दुखद और खूनी इतिहास छुपा छह है । लेकिन सदियों से जायफल की खोज में हजारों लोगों की मौत हो गई है। जायफल क्या है? सबसे पहले हम जानते है कि आखिर ये जायफ़ल है क्या ? तो ये नटमेग मिरिस्टिका फ्रेंगनस पेड़ के बीज से आता है । जो बांदा द्वीपों की लंबीसदाबहार प्रजाति है जो इंडोनेशिया के मोलुकस या स्पाइस द्वीप समूह का हिस्सा हैं। जायफल के बीज की आंतरिक गिरी को जायफल में जमीन पर रखा जाता है ।जबकि अरिल (बाहरी लेसी कवर) से गुदा निकलता है। जायफल को लंबे समय से न केवल भोजन के स्वाद के रूप में बल्कि इसके औषधीय गुणों के लिए भी महत्व दिया गया है। वास्तव में जब बड़ी मात्रा में जायफल लिया जाता है तो जायफल एक ल्यूकोसिनोजेन है जो मिरिस्टिसिन नामक एक साइकोएक्टिव केम
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