गुजरात में हर एक प्राथमिक शालओमे RTE २००९ के नियमोनुसार एक हेड टीचर की भर्ती होती है| यह नई पोस्ट गुजरात में करिबंध २०१२ से चल रही है| यह योजना गुजरात में शिक्षण आगे लेन में बहुत ही कारगत निवडी है | लेकिन एक समस्या के तोर पे अभी तक कोई भी इसके तबादले के लिए नए नियम नहीं बने| हम यहाँ आपके लिए उस पोस्ट के लिए जो भी नियम हो सकते है उसकी एक फ़ाइल् रख रहे है | हमें आशा है की आपको यह उपयोगी जरुर होगी | यहाँ जो नियम रखे गए है वोह वर्ग ३ के इए है| शायद एसा कोई नियम HTAT प्रिंसिपल के लिए लागु हो सकते है| यहाँ रखे हुए सारे नियमे एक संभावना के तोर पे रखे गए है |
जायफल: स्वादिष्ट मसाले का खून भरा इतिहास आज हम ऐसे मसाले की बात करने वाले हैओ जिसे आम तौर ख़िर में छिड़का जाता है । जी हाँ , जायफल की ! आपको शायद ताजुब्ब होगा कि ज्यादातर लोग शायद इसकी उत्पत्ति के बारे में विशेष रूप से कुछ नही जाने हैं ।समें कोई संदेह नहीं है – यह सुपरमार्केट में मसाला गलियारे से आता है, है ना? लेकिन इस मसाले के पीछे दुखद और खूनी इतिहास छुपा छह है । लेकिन सदियों से जायफल की खोज में हजारों लोगों की मौत हो गई है। जायफल क्या है? सबसे पहले हम जानते है कि आखिर ये जायफ़ल है क्या ? तो ये नटमेग मिरिस्टिका फ्रेंगनस पेड़ के बीज से आता है । जो बांदा द्वीपों की लंबीसदाबहार प्रजाति है जो इंडोनेशिया के मोलुकस या स्पाइस द्वीप समूह का हिस्सा हैं। जायफल के बीज की आंतरिक गिरी को जायफल में जमीन पर रखा जाता है ।जबकि अरिल (बाहरी लेसी कवर) से गुदा निकलता है। जायफल को लंबे समय से न केवल भोजन के स्वाद के रूप में बल्कि इसके औषधीय गुणों के लिए भी महत्व दिया गया है। वास्तव में जब बड़ी मात्रा में जायफल लिया जाता है तो जायफल एक ल्यूकोसिनोजेन है जो मिरिस्टिसिन नामक एक साइकोएक्टिव केम
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